दिनांक: 3 फरवरी से 5 फरवरी, 2023 तक, आपार हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि राम धाम के प्रांगण में बाबा भोलेनाथ की कृपा से पुन: शिवलिंग का प्राण प्रतिष्ठापित, हरिद्वार के पंडित के द्वारा शुभ महुरुत में किया जा रहा है।
सभी भक्त सादर आमंत्रित हैं।
स्थान राम धाम, शीतलपुर, मुंगेर (बिहार)।
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तत्कालीन ठाकुरवाडी़ में श्रीराम और महारानी जानकी का पूजन साधु-महात्माओं के द्वारा संपन्न हो रहा था। कालांतर में वह ठाकुरवाडी़ समुचित देखभाल के अभाव में एक खंडहर के रुप में परिणत हो गया। इसी स्थल पर एक सिद्ध मौनी बाबा ने शीतलपुर ग्राम के द्वारा पुन: मंदिर निर्माण का प्रयास किया, परंतु वे सफल नहीं हुए।
हमारे शीतलपुर गांव के स्वर्गीय संत श्री सहदेव सिंह भगत के मन में मंदिर निर्माण की भावना बनी रही कि जब महावीर जी की प्रेरणा और कृपा होगी तब यहां भव्य राम-धाम मंदिर बनेगा। एक विशेष समय में उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उनकी बेटियों श्रीमती प्रेमदेवी, श्री रामसागर सिंह (दामाद), श्रीमती नुनुमानी देवी, श्री नरेश सिंह (दामाद) के दिल में लगातार मंदिर बनाने की इच्छा थी। सचेत। क्योंकि संतान में पितृ संस्कार पाए जाते हैं।
प्रसाद और दान श्राइन बोर्ड की आय का मुख्य आधार है। तीर्थयात्रियों द्वारा दिए गए दान का उपयोग आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के साथ-साथ पवित्र तीर्थ के सामान्य रखरखाव और रखरखाव के लिए किया जाता है। बोर्ड को राज्य या केंद्र सरकारों से कोई महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता नहीं मिलती है।